अन्ना की तर्ज पर कहीं टिकैत भी तो नहीं

खबरीदाऊ

जब केंद्र में मोदी सरकार नहीं थी उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तब उस समय अन्ना हजारे ने जनलोकपाल बिल को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन कर खूब हल्ला मचाया था जिससे मनमोहन सिंह की सरकार का उस समय में हुए लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया और भाजपा को पूर्ण बहुमत का जनादेश जनता ने दिया। अन्ना हजारे के उस आंदोलन की वजह से भाजपा की आज केंद्र में सरकार है। कुछ वैसी ही कहानी किसान नेता राकेश टिकैत के किसान आंदोलन में नजर आती है। अन्ना हजारे को भी ज्ञात था कि उनके आंदोलन कि कोई समय सीमा नहीं है।ठीक उसी तर्ज पर राकेश टिकैत को भी ज्ञात है कि उनका किसान आंदोलन लंबा चलेगा। उस समय अन्ना को भाजपा का समर्थन मिला था और अब किसान आंदोलन कर रहे राकेश टिकैत को कांग्रेस का समर्थन है।
खबरी दाऊ कहिन है कि अन्ना हजारे और राकेश टिकैत के आंदोलनों की समीक्षा की जाए तो भाजपा के लिए बुरी खबर कह सकते हैं । कारण जिस तरह से आंदोलन चल रहा है उसके समाप्त होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।

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