कोरोना प्रकोप: सुनहरे सपनों का क्या होगा?

खबरीदाऊ

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद से बदले हालातों को देखकर लगता नहीं कि कोरोना मारे बीच से इतनी जल्दी जाएगा जिसने कि हम कल्पना कर रहे हैं कहीं-कहीं व्यक्ति लगने के बाद भी व्यक्ति संक्रमित भी हुए हैं ऐसी खबरें मिलने के बाद लोग और अधिक दहशत में आ गए हैं। लोग बुरी तरह से डरे हुए हैं खासकर कोरोना रिटर्न्स ने तो करोड़ों लोगों के दिमाग को कंफ्यूज कर के रख दिया है। बच्चे बुजुर्ग नौजवानों को अब अपने सुनहरे सपनों की चिंता सताने लगी जो उन्होंने सुखी जीवन के लिए संजोए थे। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोरोना हमारे बीच काफी लंबे समय तक रहेगा। ऐसी स्थिति में बेटा- बेटी के सुनहरे सपनों पर प्रश्नवाचक लग गया है। खबरी दाऊ कहिन है कि यह बात सही है कि जीवन को आगे बढ़ाने के लिए सपने बड़ी भूमिका निभाते हैं। किसी की भी जिंदगी सपनों पर टिकी होती है ।लेकिन जिस तरह से कोरोना लोगों की लगातार आजादी को छीनता जा रहा है और लोग दिनों दिन घरों में कैद हो रहे हैं। सचमुच एक चिंता का विषय बन गया है

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