मध्य प्रदेश में थमेंगी ट्रेनें, किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठने का किया ऐलान

भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम बढाने के लिए शुरू हुआ किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे उग्र होता जा रहा है। प्रदेशभर में किसान सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के मालवा निमाड इलाकों और नर्मदापुरम जिले में अन्नदाता रोज सडकों पर निकल रहे हैं। सोमवार को किसानों ने प्रदेश के खंडवा में जबर्दस्त प्रदर्शन किया। यहां जुटे हजारों किसानों ने कहा कि एमपी में अब ट्रेनों के पहिए थमेंगे। किसानों ने खुला ऐलान किया कि मांगे नहीं मानी तो अब रेलवे ट्रैक पर ही बैठेंगे।
सोयाबीन के उचित दाम नहीं मिलने से नाराज किसानों ने खंडावा में जोरदार प्रदर्शन किया। करीब 500 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ किसान सडकों पर उतरे। सोयाबीन के दाम 6000 रुपए करने की मांग के समर्थन में भारतीय किसान संघ के तत्वावधान में यह प्रदर्शन किया गया। किसान संघ के पदाधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश के सीएम मोहन यादव के नाम अपनी मांगों का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों और किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है लेकिन यह बहुत कम है। सोयाबीन की फसल की लागत बढी है। महंगाई बढी है लेकिन इस अनुपात में भाव नहीं बढाए गए है। इस वजह से सोयाबीन उत्पादकों को खासा घाटा हो रहा है।
किसानों ने कहा है कि सोयाबीन के दाम 6 हजार से ज्यादा करने पर ही इस नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सकती है। किसान संघ पदाधिकारियों ने मक्का, कपास और गेंहू के दाम बढ़ाने की भी मांग की। किसानों ने चेताया कि अब आंदोलन और उग्र होगा। सरकार ने सोयाबीन के भाव नहीं बढ़ाए तो जिले के सभी किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे जाएंगे। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि एक लीटर पानी की बोतल 20 रुपए में बिकती है पर किसानों की सोयाबीन या मक्का की फसल महज 12 रुपए से 15 रुपए किलो तक में ही बिक रही है। किसानों ने सरकार से खेती को लाभ का धंधा बनाने का अपना वादा पूरा करने को कहा।

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