ग्वालियर। रविवार को केन्द्रीय जेल के बंदियों से भाईदूज के पावन अवसर पर उनकी माता-बहनों व छोटे बच्चों ने मुलाकात की। इस अवसर पर बहनों ने अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाया और हर्षोल्लास व शांतिपूर्वक भाईदूज का त्यौहार मनाया। जेल अधीक्षक विदित सिरवैया ने बताया कि केन्द्रीय जेल के 2300 बंदियों की माता-बहनों एवं बच्चों से प्रत्यक्ष मुलाकात कराई गई। इस अवसर पर इन बंदियों की माता-बहनों व बच्चों सहित मिलाकर लगभग 7500 परिजन उपस्थित हुए।
रविवार को बड़ी संख्या में सेन्ट्रल जेल पहुंची बहनों ने अपने कैदी भाइयों को तिलक कर भाई दूज मनाई। जेल में ही बने लड्डू से बहन और भाइयों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। जेल प्रशासन ने बाहर से कोई भी मिठाई अंदर लाने की परमिशन नहीं दी थी है। जेल में बंदी भाइयों को तिलक करने आई बहनों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो इसके लिए खुली जेल मैदान में टेंट लगाकर भाईदूज की मुलाकात कराई गई। सुबह करीब 9 बजे से बहनों का सेंट्रल जेल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। केंद्रीय जेल पहुंची बहन अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर उनके साथ बैठकर उनका हाल-चाल जाना। लंबे अर्से बाद बहनों को देख भाइयों की आंखे झलक आईं। आसपास के जिलों के अलावा कई बहनें हरियाणा और सतना से भी ग्वालियर की जेल आई। जेल में बंद भाइयों के माथे पर तिलक करते वक्त बहन-भाई दोनों के आंसू छलक आए। जेल में बने लड्डू से बहन और भाइयों ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया। जेल प्रशासन ने बाहर से कोई भी मिठाई अंदर ले जाने की परमिशन नहीं दी। जेल प्रबंधन ने बंदी भाइयों को तिलक करने आने वाली बहनों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए खुली जेल मैदान में टेंट लगाकर भाईदूज की मुलाकात कराई।
जेल में भाईदूज पर मिलने आने वाली महिलाओं को अपने साथ खानपान का सामान लाने जाने पर प्रतिबंधित किया गया था। जेल में सुबह से ही हजारों बहनों ने पहुंच कर अपने भाई को तिलक कर भाई-बहन के इस त्योहार को मनाया। इस दौरान जेल में पुरुषों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध रहा। जेल में सजा काट रहे बंदियों के लिए जेल प्रबंधन ने त्योहार में खाने की व्यवस्था की थी। भाई दूज के त्योहार पर जेल में बंदियों के लिए पूड़ी, सब्जी के साथ ही खीर बनाई गई थी। यह खाना जेल में बंद अन्य कैदियों ने बनाया। भाई दूज पर जब बहन अपने भाइयों को तिलक करेंगी तो उसके लिए लड्डू बनाए गये थे, जिन्हें बहनों ने जेल परिसर से ही खरीदकर अपने भाईयों का मुंह मीठा कराया। भाइयों से मिलने आई बहनें जेल में किसी प्रकार की सामग्री अंदर नहीं ले जा सके इसके लिए तीन स्थानों पर चेकिंग व्यवस्था लगाई गई थी। जेल में महिलाओं को प्रवेश देने से पहले उनके मोबाइल और पर्स बाहर जमा करवाए गए।
केन्द्रीय जेल में हर्षोल्लास व शांतिपूर्वक मनी भाईदूज,बहनों ने कैदी भाइयों को किया तिलक
