ग्वालियर। आजकल मार्केट में कई प्रकार के ऑयल मिल रहे हैं. लेकिन खाना पकाने के लिए ज्यादातर पाम ऑयल, सनफ्लावर ऑयल, मूंगफली और कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है. पहले जब इतने सारे विकल्प मौजूद नहीं थे तब केवल सरसों तेल और तिल के तेल का इस्तेमाल किया जाता था. बता दें, सरसों तेल और तील तेल न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि इनके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।
आभी भी कई घरों में केवल सरसों तेल का ही इस्तेमाल किया जाता है. सरसों का तेल आमतौर पर रोजाना खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, खासकर कुछ व्यंजनों में तो इसका इस्तेमाल बहुत जरूरी होता है. यह तेल सरसों के बीजों को दबाकर बनाया जाता है और इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे गुड फैट होते हैं, जो इसे हार्ट हेल्थ के लिए बहुत अच्छा बनाता है.
यह स्किन और बालों के लिए भी लाभदायक होता है और पुराने दर्द और सूजन को कम करने में भी मदद करता है. खासतौर पर चूंकि अभी ठंड का मौसम है. इस तेल के सेवन से बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. यह कई अन्य पुरानी बीमारियों से भी बचाता है. आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि इसके इस्तेमाल से और क्या-क्या हेल्थ बेनिफिट्स मिलता है…
जोड़ों के दर्द से राहत
अक्सर सरसों में बने व्यंजन खाने से जोड़ों का दर्द कम हो सकता है. इसमें अल्फा लिनोलेनिक एसिड और ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. ये जोड़ों को मजबूत और स्वस्थ रखते हैं. इस तेल से गठिया रोगियों को फायदा होता है।
दिल के लिए अच्छा
सरसों के तेल से बना खाना खाने से हार्ट हेल्थ काफी अच्छा रहता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर में ब्लड फ्लो को ठीक से बनाते हैं. इससे ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है. इस क्रम में हृदय संबंधी समस्याओं से बचाव होता है।
सर्दी और खांसी पर नियंत्रण
सरसों के तेल के सेवन से सर्दी और खांसी को नियंत्रित किया जा सकता है. इससे छाती में जमा हुआ कफ बाहर निकल जाता है. शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा पानी कम हो जाता है. जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है उनके लिए सरसों के तेल से मालिश करना अच्छा होता है।
त्वचा और बालों की समस्याएं
सरसों के तेल से बने व्यंजन खाने से त्वचा और बालों बहुत अच्छा होता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व त्वचा की रंगत निखारते हैं. आपको बिना किसी दाग-धब्बे के युवा दिखाता है. इसके अलावा सरसों का तेल लगाने से सिर में गर्मी पैदा होती है. इससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है. इससे बाल घने और लंबे भी होते हैं.
सूजन में है फायदे मंद
सूजन कई पुरानी बीमारियों का मूल कारण है, और सरसों के तेल में ऐसे गुण होते हैं जो इसे कम करने में मदद कर सकते हैं. सरसों के तेल में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड सहित ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करने का काम करते हैं, जो गठिया, अस्थमा या त्वचा संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से मददगार है. एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभावों के अलावा, सरसों के तेल में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण भी होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं.
कैंसर को कम करता है
यह पाया गया है कि सरसों के तेल का उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर के विकास और प्रसार को धीमा करने में मदद कर सकता है. कैंसर लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि चूहों को शुद्ध सरसों का तेल खिलाने से उन्हें मकई का तेल या मछली का तेल खिलाने की तुलना में कोलन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि अधिक प्रभावी ढंग से अवरुद्ध हो गई. इसके अलावा, सरसों के तेल की एंटीऑक्सीडेंट सामग्री शरीर में हानिकारक मुक्त कणों को बेअसर करने में मदद कर सकती है, जिससे अन्य कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
सरसों के तेल में बना खाना खाने के फायदे हैं अनेक, जानकर चौंक जाएंगे आप
