मध्य प्रदेश सरकार कर्ज लेगी 5 हजार करोड़, चुकाना है 29 हजार करोड़ ब्याज

भोपाल । मध्य प्रदेश में मोहन सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. यह कर्ज रिजर्व बैंक आफ इंडिया से 2500-2500 करोड़ रुपए की 2 किश्तों में लिया जाएगा. यह कर्ज मध्यप्रदेश सरकार 12 और 14 साल के लिए ले रही है. इन दोनों कर्ज के लिए आवश्यक कार्रवाई 6 मई तक पूरी कर ली जाएगी. जबकि 7 मई को 5 हजार करोड़ रुपये सरकार के खाते में आ जाएंगे।
प्रदेश पर 4.31 लाख करोड़ रुपए का कर्ज
31 मार्च 2025 से पहले यानि नया वित्तीय वर्ष शुरू होने से पहले तक मध्य प्रदेश सरकार पर करीब 4.21 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था. हालांकि इसके बाद भी सरकार 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है. यानि अब सरकार का सकल घरेलू कर्ज 4.31 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार का साल 2025-26 का बजट 4.21 लाख करोड़ रुपये का है, यानि कर्ज की सीमा बजट से ज्यादा हो चुकी है. लेकिन अब 5 हजार करोड़ रुपये का और कर्ज लेने के बाद कर्ज 4.36 लाख करोड़ हो जाएगा.
कर्ज का ब्याज 29 हजार करोड़ चुकाना होगा
मध्य प्रदेश सरकार पर कमाई से अधिक कर्ज है. हर साल सरकार करोड़ों रुपये ब्याज में चुकाती है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी कर्ज का ब्याज चुकाने में 29 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे. ऐसे में कई विकास और सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में 3 फीसदी कर्ज ले सकती है. आधा प्रतिशत कर्ज ऊर्जा और नगरीय विकास के क्षेत्र में आधारभूत सुधार करने पर लिया जा सकता है. वैसे अब तक जितना कर्ज लिया गया है, वो राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के दायरे में रहा है.
विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए कर्ज
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार 5 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का इस्तेमाल विकास परियोजनाओं को गति देने के अलावा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में करेगी. वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार दोनों कर्ज लंबी अवधि के होंगे. पहली किश्त 2500 करोड़ रुपए की है, जिसे 12 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा. इसका भुगतान 7 मई 2037 को किया जाएगा. वहीं, दूसरी किश्त भी 2500 करोड़ रुपए की है, जो 14 साल की अवधि के लिए होगी और इसे 7 मई 2039 को चुकाया जाएगा।

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