भोपाल। राजधानी भोपाल में ड्रग और आर्म्स तस्करी के साथ अड़ीबाजी और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगने के बाद मछली परिवार के खिलाफ प्रशासन लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. इससे पहले प्रशासन द्वारा मछली परिवार की कान्हासैया में बनी करीब 30 करोड़ रुपये की हवेली को जमींदोज कर चुका है।
इसके साथ ही बीते 30 जुलाई को भी करीब 100 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन से मछली परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाकर जमीन खाली कराई जा चुकी है. अब एक बार फिर मछली परिवार पर पशुपालन की जमीन पर कब्जा कर कॉलोनी काटने के आरोप लग रहे हैं।
मछली परिवार समेत 21 लोगों को नोटिस
बता दें कि, इस बार पशुपालन विभाग ने जिला प्रशासन को एक आवेदन दिया है. इसमें पशुपालन विभाग ने बताया है कि, कोकता ट्रांसपोर्ट नगर के पास विभाग की 99 एकड़ जमीन है. लेकिन इसमें अब कब्जा हो चुका है. ऐसे में पशुपालन विभाग ने इस जमीन का सीमांकन कराने के लिए जिला प्रशासन को आवेदन किया है.
बुधवार से यहां सीमांकन का कार्य शुरु कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि पशुपालन की 99 एकड़ जमीन पर मछली परिवार के साथ 20 अन्य लोगों द्वारा कब्जा किए जाने की आशंका है. इसीलिए संबंधित लोगों को सीमांकन के दौरान उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
मछली परिवार के नाम पर 26 एकड़ जमीन दर्ज
बता दें कि यहां सरकारी जमीन पर मछली परिवार के नाम करीब 26 एकड़ जमीन दर्ज थी. इसमें मछली परिवार ने करीब 12 एकड़ जीन पर कोटयार्ट प्राइम के नाम से कॉलोनी काटी है, इसमें करीब 250 प्लाट बेचे गए हैं. इसके साथ ही 14 एकड़ जमीन मछली परिवार द्वारा लोधी बिल्डिर्स को बेची गई है. जिस पर अब कोर्टयार्ट कस्तूरी कॉलोनी बनाई जा रही है. वहीं मछली परिवार के साथ आसपास अन्य लोगों का भी कब्जा है. जिसका सीमांकन जिला प्रशासन की टीम कर रही है.
अधिकारियों पर भी हो सकती है कार्रवाई
दरअसल, जिस जमीन का जिला प्रशासन द्वारा सीमांकन किया जा रहा है, उसमें मछली परिवार के नाम वाली जमीनों में टीएंडसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) अप्रूव्ड कॉलोनियां कट चुकी हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं, कि पशुपालन की जमीन पर नगर निगम और टीएडंसीपी के अधिकारियों ने परमिशन कैसे जारी की. जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि सीमांकन के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि अधिकारियों ने किन दस्तावेजों के आधार पर यहां टीएडंसीपी और नगर निगम ने कॉलोनी काटने की परमिशन जारी की है।
1990 में दी गई थी 99 एकड़ जमीन
गोविंदपुरा एसडीएम ने बताया है कि,वेटनरी विभाग ने जिला प्रशासन को जमीन का सीमांकन कराने के लिए आवेदन किया है. यहां पर 12 से 13 रकबे में पशुपालन विभाग की जमीन है. इसमें कुछ निजी और सरकारी रकबा शामिल है. पशुपालन ने यहां 99 एकड़ जमीन बताई है, जो उसे प्रशासन के द्वारा साल 1990 में दी गई थी।
इस जमीन में कुछ टीएनसीपी अप्रूव्ड कॉलोनी भी हैं. इसीलिए सीमांकन किया जा रहा है, जिससे पता लगाया जा सके कि पशुपालन की जमीन पर किन-किन लोगों का कब्जा है. जिनकी सीमाएं पशुपालन की जमीन से लगी हुई हैं, उन सभी को नोटिस जारी किया गया है।
3 आरआई और 11 पटवारियों की टीम कर रही सीमांकन
रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि, श्श्चूंकि सीमांकन 99 एकड़ जमीन का करना है. इसका रकबा बहुत बड़ा है. ऐसे में पूरी जमीन का सीमांकन करने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा, इसके बाद रिपोर्ट आएगी.श्श् श्रीवास्तव ने बताया कि आज से सीमांकन का कार्य शुरु कर दिया गया है. इसमें 3 आरआई के साथ 11 पटवारियों को लगाया गया है. यदि इस जमीन पर किसी का अतिक्रमण निकलता है, तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि भोपाल समेत पूरे प्रदेश में 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का सरकारी अवकाश है, इसके बावजूद जिला प्रशासन की टीम पशुपालन की जमीन का सीमांकन करने के लिए पहुंची है।
एमपी में पशुपालन विभाग की 99 एकड़ जमीन गायब, मछली परिवार सहित 21 लोगों को नोटिस
