मध्य प्रदेश में हुई औसत से ज्यादा बारिश, अभी भी 8 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

भोपाल। मध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने सितंबर महीने में औसत से अधिक बारिश होने की संभावना जताई है. इधर प्रदेश में 31 अगस्त से ही मानसून का सिस्टम एक बार फिर स्ट्रांग हुआ है. जिससे प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जोरदार बारिश हो रही है. बीते 24 घंटों में राजगढ़, शाजापुर, श्योपुर, बालाघाट और नर्मदापुरम समेत प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में जोरदार बारिश हुई है. इनमें सबसे अधिक बारिश राजगढ़ के सारंगपुर में 5.35 इंच दर्ज की गई है. मौसम वैज्ञानिकों ने बुधवार को भी 8 जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और 24 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
मध्य प्रदेश में कोटे से अधिक बारिश
मध्य प्रदेश में मानसून का समय 4 महीने का रहता है. इसमें 3 महीनों में ही प्रदेश में पर्याप्त बारिश हो गई है. पूरे मानसून सीजन में प्रदेश में औसतन 37 इंच बारिश होती है, लेकिन बीते 3 महीने में ही 39 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है. यानि कि प्रदेश में अब अतिरिक्त बारिश हो रही है. प्रदेश में अब तक सबसे अधिक बारिश गुना में 58.65 इंच दर्ज की गई है।
जबकि मंडला में 55.42 इंच, शाजापुर में 54.64 इंच, रायसेन में 53.3 इंच और शिवपुरी में 52.22 इंच बारिश दर्ज की गई है. हालांकि अभी मध्य प्रदेश में बारिश का एक महीने का और समय बाकी है. ऐसे में इस बार बारिश प्रदेश रिकार्ड तोड़ सकती है।
बाढ़ को देखते हुए बरगी समेत 5 डैम के गेट खुले
एमपी के मैदानी इलाकों में जारी बारिश का दौर और तेज हो गया है. लगातार हो रही बारिश की वजह से प्रदेश के अधिकतर डैम भी ओवरफ्लो होने वाले हैं. नर्मदा नदी से लगे हुए आसपास के क्षेत्रों में जारी बारिश की वजह से नर्मदा नदी का जल स्तर भी बढ़ने लगा है. कैचमेंट क्षेत्रों में बाढ़ के हालात को देखते हुए जबलपुर में बरगी के 9 गेट और इटारसी में तवा डैम के 5 गेट खोले गए हैं।
इनके साथ ही ग्वालियर के तिघरा डैम के 7 गेट, उमरिया में संजय गांधी डैम के तीन गेट और शिवपुरी के मड़ीखेड़ा डैम के दो गेट खोले गए हैं. वहीं हरदा में तेज बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिला मुख्यालय से करीब एक दर्जन गावों का संपर्क टूट गया है।
अगले तीन दिनों तक होगी तूफानी बारिश
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक दिव्या ई सुरेंद्रन ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया बना हुआ है. इससे जुड़ा हुआ एक साइक्लोन सर्कुलेशन 7.6 किलोमीटर की उंचाई पर सक्रिय है. वहीं एक मानसून ट्रफ राजस्थान के बीकानेर, जयपुर और मध्य प्रदेश के दमोह, पेंड्रा रोड, संबलपुर होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है. जिसके कारण प्रदेश में अगले तीन दिनों तक मानसून का सिस्टम स्ट्रांग है. प्रदेश में 6 सितंबर तक जोरदार बारिश के आसार हैं. इसके बाद बारिश की रफ्तार कम होने की संभावना है।
आज इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
बुधवार को मौसम विभाग ने हरदा, खंडवा, देवास, खरगोन, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल और पांढुर्ना जिले में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में अगले 24 घंटों में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, इंदौर, धार, उज्जैन, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, गुना, श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, सीहोर, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनुपपुर, शहडोल और उमरिया जिले में भारी बारिश का येलो अलर्ट है. इसके साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
4 सितंबर को 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने गुरुवार को झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, देवास और सीहोर में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा इंदौर, उज्जैन, रतलाम, धार, शाजापुर, आगर मालवा, राजगढ़, भोपाल, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सिवनी और बालाघाट में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है।
5 को प्रदेश के पश्चिमी जिलों में आरेंज अलर्ट
एमपी में 5 सितंबर से प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बारिश की रफ्तार कम होगी, लेकिन पश्चिमी हिस्से में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है. मौसम वैज्ञानिकों ने रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी और खरगोन जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।जबकि नीमच, मंदसौर, उज्जैन और श्योपुर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं 6 सितंबर को अलीराजपुर, बड़वानी, धार, झाबुआ और रतलाम जिले में भारी बारिश की चेतावनी दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *