नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने गलत सूचना के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को अपने अधिकारियों से इसका मुकाबला करने और स्पष्ट रूप से यह बताने को कहा कि भारत में चुनाव संविधान के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाते हैं.
चुनाव आयोग का यह निर्देश यहां भारत मंडपम में सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के मीडिया और संचार अधिकारियों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान आया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया. कार्यक्रम में कुल 51 मीडिया नोडल अधिकारियों और सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों ने भाग लिया.कार्यशाला के दौरान, इस बात पर जोर दिया गया कि भ्रामक सूचनाओं के बढ़ते खतरे को देखते हुए, यह स्पष्ट रूप से बताना जरूरी है कि भारत में चुनाव संविधान के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाते हैं और भ्रामक सूचनाओं का तथ्यों के साथ मुकाबला किया जाना चाहिए.
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मीडिया और अन्य हितधारकों के साथ समय पर तथ्यात्मक जानकारी प्रसारित करने के लिए सीईओ कार्यालयों के संचार तंत्र को मजबूत करने हेतु सत्र आयोजित किए गए. कार्यशाला में मीडिया और सोशल मीडिया के दृष्टिकोण से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर समर्पित सत्र आयोजित किए गए।
गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के विभिन्न उपकरणों, तकनीकों और रणनीतियों पर एक विशेषज्ञ सत्र का भी आयोजन किया गया. यह कार्यशाला इस तरह की तीसरी बातचीत थी. इससे पहले, 9 अप्रैल को आईआईआईडीईएम स्थित सीईओ कार्यालयों के मीडिया एवं संचार अधिकारियों के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।
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