पटना । एक तरफ जहां एनडीए में सीट बंटवारे पर सहमति बनाने के लिए बैठकों का दौर चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ घटक दलों के नेताओं की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. कभी चिराग पासवान, कभी जीतनराम मांझी और कभी उपेंद्र कुशवाहा अपने बयानों की गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. इस बीच हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता ने हमारे पास विकल्प खुले हैं का बयान देकर सूबे की सियासत में गरमाहट बढ़ी दी है।
हमारे पास विकल्प खुले हैं: हम पार्टी के नेता राजेश पांडे ने कहा कि हमारे नेता बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को अपने विचार बता दिए हैं. हमारे पास विकल्प खुले हैं, क्योंकि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. उन्होंने कहा कि हम लोग सीटों को लेकर अपने रुख पर कायम हैं। बातचीत जारी रहेगी. हमने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने विचार बता दिए हैं. हमारे पास विकल्प खुले हैं, क्योंकि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. हम अपने रुख पर अडिग हैं और जल्द ही परिणाम सामने आएंगे.ष्- राजेश पांडे, नेता, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा
बयान का क्या मतलब?: राजेश पांडे ने ये बयान तब दिया है, जब थोड़ी देर पहले ही हम संरक्षक जीतनराम मांझी की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात हुई है. दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर बातचीत हुई है. विकल्प खुले होने के हम नेता के बयान से ऐसा जाहिर होता है कि नड्डा के साथ मांझी की मुलाकात बहुत सकारात्मक नहीं रही है.
पीएम मोदी और नीतीश कुमार के साथ जीतनराम मांझी
नड्डा से दिल्ली में मिले मांझी: इससे पहले केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच बिहार विधानसभा चुनाव और सीट बंटवारे पर चर्चा हुई. हालांकि पत्रकारों से बात किए बगैर ही मांझी वहां से बाहर निकल गए।
पहले भी बयान दे चुके हैं मांझीरू इसी महीने की 8 तारीख को जीतनराम मांझी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर खलबली मचा दी थी. उन्होंने महाभारत के प्रसंग से जुड़ी पंक्ति का जिक्र कर न केवल अपनी पीड़ा बताने की कोशिश की, बल्कि बीजेपी और एनडीए को चेतावनी भी दी. उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम. एचएएम वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असी ना उठाएंगे।
एनडीए में सीट शेयरिंग पर पेंच: दरअसल, एनडीए में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है. बीजेपी और जेडीयू में तो डील हो चुकी है लेकिन जीतनराम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से खुश नहीं है. हालांकि बीजेपी नेताओं का दावा है कि बातचीत अंतिम दौर में है और कल तक औपचारिक ऐलान हो जाएगा।
अमित शाह के साथ जीतनराम मांझी
क्या है सीट शेयरिंग का फॉर्मूला: वैसे तो कोई भी संभावित फॉर्मूला अबतक सामने नहीं आ पाया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक चिराग को 20-22, मांझी को 10 और कुशवाहा को 7 सीट की पेशकश की गई है. वहीं बाकी सीटें बीजेपी और जेडीयू के बीच बंटेगी, जिसमें बीजेपी से एक अधिक सीट पर जेडीयू अपना उम्मीदवार उतार सकता है।
हम संरक्षक जीतनराम मांझी
कितनी सीट चाहते हैं मांझी: केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी अपनी पार्टी के लिए कम से कम 15 सीट चाहते हैं. उनका तर्क है कि मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा के लिए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 8 सीट पर जीतना जरूरी है. लिहाजा 8 सीटों पर जीत के लिए 15 से 20 सीटों पर लड़ना होगा।
