छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप पीने से हुई मासूमों की मौत पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर है तो दूसरी तरफ राजनेताओं का मृतक बच्चों के परिजनों से मुलाकात का सिलसिला. इस लिस्ट में अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और छिंदवाड़ा से पूर्व सांसद नकुल नाथ का नाम जुड़ गया. रविवार को कमलनाथ और नकुलनाथ परासिया पहुंचे, जहां उन्होंने मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की और मृत बच्चों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की.
यहां आने की नहीं जुटा पा रहा था हिम्मत
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने परासिया पहुंचकर किडनी फेलियर से मरे बच्चों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने मृत बच्चों के परिजनों से एक-एक करके मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा, ष्मैं सरकार से बात करता रहा कि आप क्या टेस्ट कर रहे हैं?, लेकिन बाद में जब जांच हुई तो पता चला की दवाइयां में जहरीला तेल है.
मृत बच्चों के परिवार को 1 करोड़ का मुआवाजा देने की मांग की
कितनी दवाइयां हैं, जिनमें जहरीला तेल मिला हुआ है. पांच प्रतिशत दवाओं की भी टेस्टिंग नहीं होती है. यह दवा तमिलनाडु से न जाने कितने जिलों में गई और न जाने कितने लोगों की मृत्यु हुई. इसका कोई हिसाब नहीं है. यहां पर इकट्ठी मौतें हो गई, इसलिए यह बात सामने आ गई. मुझे यहां आकर बहुत दुख हुआ. मेरी हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि मैं यहां पर आऊं.ष्
ज्यादा मुआवजा के लिए मुख्यमंत्री से की चर्चा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ष्सरकार ने पीड़ितों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है, जो काफी कम है. जिस परिवार का बेटा इस दुनिया में नहीं रहा है. उसकी भरपाई मुआवजे से नहीं की जा सकती, लेकिन कम से कम परिवार को राहत मिल सके इतना मुआवजा तो देना चाहिए.ष् उन्होंने कहा कि ष्मैंने पहले भी पत्र लिखकर 1 करोड़ रुपए प्रति परिवार को मुआवजा देने की बात कही है, क्योंकि इलाज में ही परिजनों का 15 से 20 लाख रुपए खर्च हो चुका है.ष्
बच्चों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार
कमलनाथ ने कहा, ष्जहरीली कफ सिरप पीने के बाद जो बच्चों की मौत हुई है. उसकी जिम्मेदार मध्य प्रदेश सरकार है. क्योंकि दवाइयों की जो टेस्टिंग होनी चाहिए, वह प्रॉपर नहीं हो रही है. यहां एक साथ कई बच्चों ने अपनी जान गंवाई है, जिससे कफ सिरप में खराबी के बारे में पता चला सका. इसके अलावा भी कई ऐसी दवाइयां हैं, जिसकी आज भी जांच नहीं हो रही है. बच्चों के साथ-साथ अन्य लोग भी दुनिया छोड़कर चले जाते हैं. यह दवाई सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में भी गई होगी।
कमलनाथ को नहीं है छिंदवाड़ा की चिंता
जहरीली कफ सिरप से मौत के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, स्वास्थ्य मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित कई अन्य नेता पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात करके लौट चुके हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नागपुर के अस्पताल में पहुंचकर एडमिट बच्चों की हालत देखी और उनके परिजनों से भी चर्चा की थी. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि ष्दुख की घड़ी है, ऐसे समय में कमलनाथ को यहां की चिंता करनी चाहिए।
एमपी: कफ सिरप कांड के लिए सरकार जिम्मेदार, पीड़ितों को मिले 1 करोड़ का मुआवजा: कमलनाथ
