देश में गायब होने वाले 18 साल से कम उम्र के बच्चों के मामले में दूसरे स्थान पर है मध्य प्रदेश
गुम बच्चों को ढूंढ़ने में एआई की मदद लेगी मध्य प्रदेश पुलिस
भोपाल। मध्य प्रदेश से गायब हुए बच्चों को खोजने के लिए पुलिस अब एआई की भी मदद ले रही है. देश में गायब होने वाले 18 साल से कम उम्र के बच्चों के मामले में मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है. प्रदेश में जितने बच्चे हर साल गायब होते हैं, उनमें से पुलिस सिर्फ 69.8 फीसदी बच्चों को ही ढूंढ़ पाती है यानि करीबन 30 फीसदी बच्चे कभी अपने मां-बाप से मिल ही नहीं पाते.
मध्य प्रदेश पुलिस ऐसे मिसिंग चाइल्ड को ढूंढने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ऑपरेशन मुस्कान चलाती है. 1 नवंबर से यह अभियान एक बार फिर शुरू किया गया है. इसमें लंबे समय से गायब बच्चों को ढूंढने के लिए पुलिस अब एआई की भी मदद ले रही है.
एआई इस तरह बनेगा मददगार
गायब हुए बच्चों में से कई बच्चे तो पिछले कई सालों में भी नहीं ढूंढे जा सके. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मिसिंग चाइल्ड के मामले में सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि उनके पास मोबाइल जैसा कोई साधन भी नहीं होता, जिसकी मदद से उन्हें ट्रेस किया जा सके. यदि बच्चा कई सालों से मिसिंग है तो उनका चेहरा भी बदल जाता है. इसके लिए बच्चों के चेहरे में आए संभावित बदलाव के लिए मौजूदा फोटो से एआई की मदद से उसकी फोटो तैयार की जा रही है और इसकी मदद से बच्चों की तलाश की जा रही है.
एडिशनल कमिश्नर डॉ मोनिका शुक्ला बताती हैं कि ष्ऐसे मिसिंग चाइल्ड की तलाश के लिए एआई सहित तमाम संसाधनों की मदद ली जा रही है, ताकि बच्चों को खोजकर उनके परिजनों से मिलवाया जा सके.ष्
‘ऑपरेशन मुस्कान से मिले बेहतर परिणाम‘
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश स्तर पर चलने वाले ऑपरेशन मुस्कान के बेहतर परिणाम सामने आए हैं. इसमें कई ऐसे बच्चे भी मिले, जो सालों से गायब थे. सतना एसपी अवधेश प्रताप सिंह बताते हैं कि ष्सतना जिले में ही चलाए गए ऑपरेशन मुस्कान में 11 सालों से लापता बच्ची को खोजने में पुलिस ने कामयाबी हासिल की थी. इस बच्ची को पुलिस ने पुणे से ढूंढ़ा था. अधिकारियों के मुताबिक बच्चे के गायब होने के बाद ही पुलिस की पूरी कोशिश होती है कि उसे जल्द से जल्द खोज लिया जाए.ष्
बच्चों के गायब होने का रिकॉर्ड चौंकाने वाला
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में ष्साल 2023 में 12091 बच्चे गुम हुए. इसमें लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 3 गुनी है. प्रदेश में साल 2023 में 2466 बच्चे गायब हुए, जबकि 9625 लड़कियां गायब हुई.ष् पिछले सालों में गायब हुए बच्चों में 3926 बच्चों को पुलिस अब तक खोज नहीं पाई. इनमें 2917 लड़कियां हैं. जबकि ऐसे मिसिंग लड़कों की संख्या 1009 है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक ष्कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में 16017 बच्चे ऐसे हैं, जो अभी गायब हैं. इसमें 12 हजार 542 लड़कियां हैं, जबकि 3475 लड़के हैं.ष् जिन्हें पुलिस खोज रही है और इसके लिए अब एआई की मदद लेगी.
मध्य प्रदेश में 69.8 बच्चों की रिकवरी
गुम होने वाले बच्चों में से पुलिस 69.8 फीसदी बच्चों को ही रिकवरी कर पाती है. इनमें बच्चियों के मामले में पुलिस का रिकवरी रेट 70.3 फीसदी है. यानी करीबन 30 फीसदी बच्चों को पुलिस खोज नहीं पाती.देश भर के आंकडों को देखे तो देश भर में 40438 बच्चों को पिछले सालों में पुलिस खोज नहीं पाई. इनमें 29 हजार 145 बच्चियां हैं, जबकि लड़कों की संख्या 11 हजार 285 है.
बच्चे ही नहीं 60825 व्यस्क भी हैं गायब
बच्चे ही नहीं मध्य प्रदेश में 60 हजार 825 महिला और पुरूष भी पिछले सालों से गायब हैं, जिन्हें पुलिस अब तक खोज नहीं पाई. इनमें 42 हजार 620 महिलाएं हैं, जिनको उनके परिजन और पुलिस ढूंढ रही है. जबकि 18 हजार 205 पुरूष हैं. साल 2023 में मध्य प्रदेश से गायब हुए महिला-पुरूषों में से पुलिस ने 44 हजार 889 को खोज निकाला. इसमें 31 हजार 482 महिलाएं और 13407 पुरूष थे. रिकार्ड के मुताबिक 42.5 फीसदी गुमइंसान को खोजने में पुलिस ने कामयाबी पाई है. आमतौर पर बच्चों के गुम होने के मामलों में पुलिस को अपहरण की एफआईआर दर्ज करनी पड़ती है, जबकि व्यस्कों के मामलों में ऐसा नहीं होता. व्यस्कों के गुम होने पर गुमशुदगी दर्ज होती है।
