हिंदी पखवाड़े पर हुआ मेरा गाँव मेरा देश नाटक का मंचन
ग्वालियर। माधव महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित हो रहे कार्यक्रमों की कड़ी में शुक्रवार को नाटक मंचन तथा संस्मरण वाचन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ महिला साहित्यकार सुश्री कुंदा जोगलेकर उपस्थित रहीं। सान्निध्य प्राचार्य डॉ.शिवकुमार शर्मा का रहा। कार्यक्रम के प्रारंभ में स्नातक द्वितीय तथा तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों-मुस्कान भदौरिया,सागर शर्मा,जीतू ,गौरव राजौरिया,शुभम कुमार जैसवाल ने सुनील कुमार शर्मा की लघुकथा श्जड़ों से जुड़नाश् पर केंद्रित नाटक श्मेरा गाँव मेरा देशश् की प्रभावशाली प्रस्तुति से सभी को बांधकर रखा। नाटक समूह ने नाटक के माध्यम से अपने प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण,खेती में परम्परागत संसाधनों के महत्व,कृषि की नवीन तकनीक इत्यादि के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी सन्देश दिया। लघुकथा का नाट्य रूपांतरण,संवाद लेखन,सूत्रधार,तकनीकी प्रबन्धन शुभम कुमार जैसवाल ने तथा नाटक का निर्देशन डॉ मंदाकिनी शर्मा ने किया।संस्मरण वाचन के क्रम में सुश्री व्याप्ति उमडेकर ने (नानी), श्रीमती मीनाक्षी(बुआ), जीतू(नानी),मुस्कान भदौरिया (दादी), सागर शर्मा (मौसी), गौरव राजौरिया (मौसी),शुभम कुमार जैसवाल(बुआ), साहिल जाटव(बुआ),आशु प्रजापति (बुआ)ने भावुकतापूर्ण शैली में अपने-अपने संस्मरण प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सुश्री कुंदा जोगलेकर जी ने अपने वक्तव्य में विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों पर अपने विचार रखते हुये कहा कि-आज के बदले हुये परिवेश में युवा यदि अपने सांस्कृतिक मूल्यों एवं पारिवारिक सम्बन्धों से गहराई के साथ जुड़ा है तो यह बहुत ही सन्तोषजनक बात है। उन्होंने संस्मरण वाचन तथा लेखन के लिये भी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुये स्वयं के जीवन के कुछ मार्मिक और प्रभावशाली संस्मरण प्रस्तुत किये।
सान्निध्यीय उदबोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शिव कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों के समक्ष अपनी बात रखते हुये कहा कि-प्राचीन को स्मरण रखते हुये नवीन के साथ जुड़ना ही सही अर्थों में विकास है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मंदाकिनी शर्मा ने तथा आभार डॉ सरिता दीक्षित ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
संस्मरण तथा नाटक हमें जीवन से जुड़ी सीख देते हैं : सुश्री कुंदा जोगलेकर
