वर्चस्व के लिये ब्राह्मण समाज को एकत्रित होने की जरूरत : के डी सोनकिया

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री बालेुदु शुक्ला,एडवोकेट अनिल मिश्रा, जेयू कुलगुरू राजकुमार आचार्य हुये शामिल
ग्वालियर। आज देश में ब्राह्मण समाज पर हमले हो रहे हैं इसके लिये स्वयं ब्राह्मण जिम्मेदार है। लंबे समय बाद पहलीबार वकील अनिल मिश्रा के रूप में ब्राह्मण के वर्चस्व की आवाज बुलंद हुई है। संविधान निर्माता वीएन राव ही है यह भी एक सच्चाई है। आज यह बात अकेले वकील मिश्रा कह रहे है। लेकिन अब यह बात अकेले अनिल मिश्रा की नही रह गई है इसमें देश के सभी ब्राह्मणों को एक होकर साथ चलने की जरूरत है। यह बात आज जिझोतिया ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित दीपावली मिलन, अन्नकूट व सम्मान समारोह 2025 के कार्यक्रम में पूर्व अति.पुलिस अधीक्षक के.डी.सोनकिया ने बतौर अध्यक्षता की आसंदी से कही। उन्होंने चिंता जताई कि बडे-बडे राजनीतिक दलों में ब्राह्मण समाज के नेता राजनेता है लेकिन उनमें इसका समर्थन करने की हिम्मत नहीं है। इसलिये वीएन राव को संविधान निर्माता का दर्जा दिलाने की लडाई अब समाज को ही लडने होगी। बता दें कि इससे पहले बाल भवन में आयोजित हुये इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि बालेंदु शुक्ला (पूर्व मंत्री,म.प्र शासन) मंचासीन थे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता के डी सोनकिया ने की। वहीं राजकुमार आचार्य (कुलगुरू,जीवाजी विश्वविद्यालय),एडवोकट अनिल मिश्रा, महेश मुद्गल, अशोक पटसारिया विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान परशुराम जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर ,पुष्पहार पहनाकर व मंत्रोच्चारण द्वारा विधि विधान से किया गया। इसके उपरांत संस्था के पदाधिकारियों द्वारा मंचासीन अतिथियों को पुष्पहार व अंग वस़्त्र पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया। कार्यक्रम में विशेष स्टार के रूप में उपस्थित एडवोकट अनिल मिश्रा थे जिनका समाज के लोगों ने अधिकाधिक सम्मान किया।
स्वागत भाषण संस्था अध्यक्ष क.ेपी. अरजरिया ने दिया। इसके बाद कार्यक्रम को संबांेधित करते हुये कुलगुरू राजकुमार आचार्य ने समाज में एकता पर अधिक जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिये नीति नियम बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है। वहीं एडवोकेट अनिल मिश्रा ने सभी ब्राह्मण समुदायों से आज के हालात को लेकर एक हो जाने की अपील की। उन्होंने जातीय आधार पर आरक्षण समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण ही इस देश की समस्या का समाधान बताया। साथ ही काला कानून यानि एससी/ एसटी एक्ट को आज तत्काल हटाने की आवश्यकता है कारण इसका अधिकाधिक दुरूपयोग हो रहा है। उन्होनें वी एन राव को सही संविधान निर्माता बताया। साथ ही उन्होनें अपील की कि आगामी 30 नवंबर को वी.एन राव जी की पुण्यतिथि है जिसे हर ब्राह्मण उत्सव के रूप में मनायेगा तो निश्चित ही ब्राह्मण समाज का वर्चस्व बना रहेगा।
इसके बाद कार्यक्रम के मुख्यअतिथि बालेंदु शुक्ला ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि देश के नियम, कायदे, कानून विधायक सांसद व मंत्री मिलकर बैठकर बनाते है। ऐसे में देश में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या महज तीन फीसदी है तो अकेले ब्राह्मण समाज के बल पर कानून बनाना या संशोधन करना कदापि संभव नहीं है। ब्राह्मण शिक्षित है इसलिये परिस्थितियों का सही आंकलन करने बाद ही कोई निर्णय लेकर रास्ता खोजना चाहिये। इसके अलावा कार्यक्रम को पंकज सोनकिया, महेश मुद्गल, अशोक पनटसारिया ने भी संबेधित किया। कार्यक्रम समापन से पूर्व 50 वर्ष दाम्पत्य के पूर्ण कर चुके समाज के लोगों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इसी क्रम में मेधावी छात्रों को भी सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 100 वर्ष पूर्ण करने वाली एक बुर्जुग महिला को भी अििथयों ने उनके सम्मुख जाकर सम्मानित किया।

इन वरिष्ठजनों का हुआ सम्मान

श्रीमती कमला भोंडेले, श्रीमती कुसुमलता मिश्रा, श्रीमती उमादेवी पटेरिया।

50 वर्ष पूर्ण करने वाली सम्मानित दम्पत्ति

श्रीमती जयदेवी- श्रीकृष्ण चतुर्वेदी, श्रमती कस्तुूरी -एसपी वाजपेई, श्रीमती लीला – मुन्नालाल दुबे,श्रीमती सरोज – आर डी मिश्रा, श्रीमती शशिबाला – गिरीश चंद्र रावत ,श्रीमती शशि – सुरेश चंद्र दुबे ,श्रीमती कालिदी – पीडी बिलगैया, श्रीमती उर्मिला -राम मोहन अरजरिया, श्रीमती रामलली – शम्भूदयाल दीक्षित ,श्रीमती सुकुमारी चंद्र भान चतुर्वेदी ,रीमती नलिनी – जगदीश प्रसाद तिवारी, श्रीमती गायत्री केडी सोनकिया।

सम्मानित होने वाले मेधावी प्रतिभाएंः
श्रेया रावत, अदिती तिवारी, मणिकर्णिका तिवारी, आर्यान्श तिवारी, विजय करण त्रिपाठी, लम्हा अरजरिया, संभव अवस्थी, यशोधरा दुबे, ओम बाजपेयी।

इस मौके पर समाज की एक वैवाहिक डायरेक्टरी का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारी अध्यक्ष राजीव पस्तोर ने किया। आज के इस बहुरंगीय कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकरियों में केपी अरजरिया, कोषाध्यक्ष अटलबिहारी वाजपेई के अलावा समाज के अनेक बडी संख्या में गणमान्य,प्रबुद्धजन महिला पुरूष तथा बच्चे मौजूद थे।

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