नई दिल्ली। नेपाल में हालात बद से बदतर हो गए हैं. जलते भभकते नेपाल पर दुनिया भर में चर्चा हो रही है. वजह सोशल मीडिया पर बैन. क्योंकि नेपाल भारत की सीमा से सटा हुआ है. ऐसे में भारत के लिए भी नेपाल के हालात चिंता का कारण बन सकते हैं।
नेपाल में सोशल मीडिया को बैन करने के सरकारी आदेश के खिलाफ हिंसा ने वहां के हालात बहुत खराब कर दिए हैं. कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ हिंसक हुए प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की राजधानी काठमांडू की शक्ल और सूरत बिगाड़ दी है. सेना की फायरिंग में कई प्रदर्शनकारी मारे गए तो प्रदर्शनकारियों ने भी सरकारी और संसद समेत निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्रियों, मंत्रियों को पीटने की घटनाएं भी हुईं।
दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा
भयानक आगजनी के बाद नेपाल की सड़कों पर सेना की गश्त चल रही है. दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यहां आए नेपाल के निवासी तेग बहादुर ने बताया कि वो घूंसा का रहने वाला है, उसे अपने परिवार की चिंता हो रही है. मोबाइल से बात हुई है लेकिन आगे क्या होगा यह सोचकर परेशान हैं.
कारोबार को लेकर व्यापारी चिंतित
नेपाल में बिगड़ते हालातों ने दिल्ली और देश के लाखों व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है. अरबों रुपए का सामान दिल्ली और देश के व्यापारी नेपाल में निर्यात करते हैं और व्यापारियों को अब अपनी पेमेंट डूबने का डर सता रहा है.
नेपाल के हालातों से घबराए व्यापारी
दिल्ली और देश में व्यापारियों और उद्यमियों के शीर्ष संगठन चौंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ब्ज्प् के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बयान जारी करके कहा कि नेपाल के हालात ने दिल्ली और देश के व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है और यहां के व्यापारी , नेपाल के अपने साथी व्यापारियों से फोन और मैसेज करके हालात की जानकारी ले रहे हैं. बृजेश गोयल के मुताबिक 2024-25 में भारत ने नेपाल को लगभग 7335 मिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया था।
भारत से नेपाल भेज जाता हैं ये सामान
2.19 अरब डॉलर के पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स
700 मिलियन डॉलर के स्टील आयरन
429 मिलियन डॉलर के मशीनरी बॉयलर्स
353 मिलियन डॉलर की गाड़ियां और मोटर पार्ट्स
भारत से नेपाल को बिजली, तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, रबर, पेपर, एल्यूमिनियम भी बड़े पैमाने पर निर्यात होता है.
दिल्ली के कश्मीरी गेट मार्केट से करोड़ों रुपए का मोटर पार्ट्स का सामान नेपाल के अलग अलग शहरों में सप्लाई होता है.
नेपाल अपने कुल आयात का लगभग 50प्रतिशत तो भारत से ही खरीदता है।
सीटीआई की पीएम मोदी से अपील-भारत सरकार को तुरंत नेपाल सरकार से बात करके मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.
दिल्ली-काठमांडू बस सेवा पर भी असर
नेपाल में लगातार बिगड़ रहे हालात का सीधा असर दिल्ली से नेपाल जाने वाली बस सेवाओं पर पड़ा है. दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर और मजनू का टीला से काठमांडू व अन्य शहरों के लिए चलने वाली निजी बसों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया है. बस सेवाएं अचानक बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. हालांकि अंतरराज्यीय बस अड्डा कश्मीरी गेट से रोजाना एक सरकारी बस नेपाल के लिए जाती है।
मंगलवार शाम 4 बजे काठमांडू के लिए यह बस रवाना हुई, लेकिन यात्रियों की संख्या बेहद कम रही. आज हालात और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो जाने के कारण बुधवार को बस सेवा बंद रही. आईएसबीटी अधिकारी ने आशंका जताई कि यदि हालात नहीं सुधरे तो यह सेवा अस्थाई रूप से बंद करनी पड़ सकती है. दिल्ली से काठमांडू के बीच एक बस सेवा उपलब्ध है, जो दिल्ली परिवहन निगम (क्ज्ब्) द्वारा संचालित की जाती है और यह बस सेवा 25 नवंबर 2014 को शुरू हुई थी. यह सेवा आगरा, कानपुर, अयोध्या और गोरखपुर जैसे स्टॉप से होते हुए जाती है और यात्रा में लगभग 20 घंटे 50 मिनट से लेकर 29 घंटे तक का समय लगता है।
