राहुल गांधी-तेजस्वी यादव की सोमवार को अहम बैठक, बिहार सीट बंटवारे पर बन सकती है सहमति

सीट बंटवारे पर सहमति बनने की संभावना, कांग्रेस 60 सीटों की मांग पर अड़ी.
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और राजद के बीच सीट बंटवारे को लेकर जारी गतिरोध अब अंतिम चरण में पहुँच गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की सोमवार को होने वाली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय होने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे को लेकर कई दिनों से बातचीत चल रही थी, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. रविवार को दोनों दलों के शीर्ष नेता दिल्ली पहुँच गए, जहाँ सोमवार को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच मुलाकात तय है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि पार्टी बिहार में अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में कम से कम 60 सीटें चाहती है, जबकि राजद इससे कम सीटें देने पर अड़ी हुई है. कांग्रेस ने 2020 के चुनाव में 70 सीटों पर लड़ाई लड़ी थी, लेकिन इस बार गठबंधन की मजबूती के लिए अपनी मांग कुछ कम की है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी तेजस्वी यादव से फोन पर बातचीत की है और सोमवार की बैठक में वे भी शामिल हो सकते हैं. वहीं, तेजस्वी यादव अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं.कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और महासचिव सुशील पासी ने कहा है कि पार्टी का उच्च नेतृत्व अब इस मामले पर अंतिम फैसला लेगा. उनका कहना है कि “सारी तैयारी पूरी कर ली गई है, बस उच्च कमान को निर्णय लेना है.”
सूत्रों का कहना है कि दोनों दल अपने-अपने लिए अधिक और बेहतर सीटें सुनिश्चित करने की कोशिश में हैं. साथ ही तेजस्वी यादव अपने सहयोगी मुकेश सहनी (वीआईपी पार्टी) को भी गठबंधन में बनाए रखना चाहते हैं. सहनी ने हाल ही में 60 सीटों और उपमुख्यमंत्री पद की मांग की थी, जिस पर कांग्रेस ने कहा कि “वीआईपी को संभालना राजद की जिम्मेदारी है.”
राजद को उम्मीद है कि एनडीए के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी माहौल और राहुल गांधी-तेजस्वी यादव की साझा जनयात्रा से उसे लाभ मिलेगा. पार्टी चाहती है कि तेजस्वी यादव को “मुख्यमंत्री चेहरा” घोषित किया जाए ताकि जेडीयू और बीजेपी गठबंधन के दबाव में आ जाएं. कांग्रेस का कहना है कि बिहार में वह मजबूत स्थिति में है और अगले चुनाव में एनडीए सरकार की नीतिगत विफलताओं को मुख्य मुद्दा बनाएगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि “गठबंधन का सीट बंटवारा जल्द तय होगा और कांग्रेस अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी।

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