जयपुर/उदयपुर। कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास का 1 मई को अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. वे 79 वर्ष की थीं. उनका जन्म 8 जुलाई 1946 को नाथद्वारा में हुआ था. गिरिजा व्यास लंबे समय से बीमार थीं और गत माह एक दुर्घटना में गंभीर रूप से झुलस गई थीं, जिसके बाद से वे अस्पताल में भर्ती थीं.
डॉ. व्यास को 31 मार्च को उदयपुर स्थित अपने घर में गणगौर पूजा के दौरान आरती करते समय साड़ी में आग लगने के कारण लगभग 89 प्रतिशत तक झुलस गई थीं. इस गंभीर अवस्था के बाद उन्हें पहले उदयपुर में प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर उन्हें अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल के आईसीयू में स्थानांतरित किया गया था.
इलाज के दौरान गुरुवार यनी 1 मई 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने डॉ. व्यास को श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास का गुरुवार शाम निधन हो गया. उन्होंने अहमदाबाद स्थित एक अस्पताल में गुरुवार शाम 7रू15 पर अंतिम सांस ली. गिरिजा व्यास के निधन से पार्टी में शोक की लहर है. गिरिजा व्यास प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष और दो बार केंद्रीय मंत्री और चार बार सांसद रह चुकी है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई अन्य नेताओं ने इसे पार्टी के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है।
शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई नेता उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. आज सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए दैत्य मगरी आवास पर रखा जाएगा.
यादगार रहा है राजनीतिक सफर: गिरिजा व्यास कई पदों पर रही हैं. उनका लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है. भारत सरकार में मंत्री चुकी हैं. राजस्थान कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं. वे राष्ट्रीय महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रही हैं. वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुखपत्र कांग्रेस संदेश पत्रिका की मुख्य सम्पादक हैं. वह राजस्थान विधानसभा सदस्य रहीं.
इस दौरान 1986 से 1990 तक पर्यटन राज्यमंत्री रहीं. डॉ. गिरिजा व्यास राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रहीं और वर्ष 1990 से अब तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य हैं. गिरिजा व्यास वर्ष 1991 में पहली बार लोकसभा सदस्य बनीं. इस दौरान वर्ष 1991 से 1993 तक सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री के रूप में काम किया. उदयपुर से लोकसभा सदस्य रहीं. उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में भी जाना गया, जहां उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए प्रभावशाली कार्य किए.
गिरिजा व्यास न केवल एक राजनेता थीं, बल्कि एक शिक्षाविद, लेखक और समाजसेवी भी थीं. वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कई पुस्तकों की लेखिका थीं और कविता लेखन में भी गहरी रूचि रखती थीं. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को उदयपुर में राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. उनके निधन से नारी सशक्तिकरण, शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है.
राजनेताओं ने जताया दुखः पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास के निधन पर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने संवेदना प्रकट की है. निधन पर सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, भाजपा नेता गजेंद्र सिंह खींवसर, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, गोविंद सिंह डोटासरा, ओम माथुर समेत कई नेताओं ने दुख जताया है. सीएम भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि पूर्व श्केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि श्पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ गिरिजा व्यास का निधन हम सबके लिए एक अपूरणीय क्षति है. डॉ गिरिजा व्यास ने शिक्षा, राजनीति एवं समाज सेवा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया था।
उनका इस तरह एक हादसे का शिकार होकर असमय जाना हम सभी के लिए एक बड़ा आघात हैश्. गजेंद्र सिंह खींवसर ने लिखा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेत्री डॉ. गिरिजा व्यास के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है. उनका निधन प्रदेश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे एवं शोकाकुल परिवारजनों को इस कठिन समय को सहन करने की शक्ति देश्।
उदयपुर में की पढ़ाई: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास ने उदयपुर में आकर उदयपुर यूनिवर्सिटी में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी) से स्नातक और स्नातकोत्तर किया था. बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. उन्होंने उदयपुर के सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के दर्शनशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था. कांग्रेस के वरिष्ठ जानकार बताते हैं कि गिरिजा व्यास सोनिया गांधी और गांधी परिवार के बहुत करीब लोगों में मानी जाती थीं।
गिरिजा व्यास का राजनीतिक जीवन: 8 जुलाई 1946 को उदयपुर के नाथद्वारा में जन्मीं गिरिजा व्यास एक बार विधायक, चार बार सांसद, दो बार केंद्रीय मंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे पदों पर रहीं हैं. गिरिजा व्यास ने पहली बार 1985 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस दौरान उन्हें सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया था. वे पहली बार 1991 में लोकसभा के लिए चुनी गई और तब उन्हें केंद्र में सूचना प्रसारण राज्य मंत्री बनाया गया. गिरिजा व्यास 11वीं और 13वीं लोकसभा के लिए भी चुनी गई थी. 1993 में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनी और 2001 से 2004 तक राजस्थान कांग्रेस की अध्यक्ष रही. इसके बाद साल 2005 से 2008 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रही और उसके बाद यूपीए सरकार 2 में कैबिनेट मंत्री भी रही।
