म्यांमार में भूकंप से चारों ओर तबाही का मंजर, भारत ने भेजी 15 टन से अधिक राहत

नई दिल्ली। भारत ने शनिवार को भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए एक सैन्य परिवहन विमान से लगभग 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी. भेजे गए इस राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं. ये राहत सामग्री म्यांमार पहुंच भी गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत शक्तिशाली भूकंपों के बाद म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजा. हिंडन वायुसेना स्टेशन से भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के सी-130जे विमान के जरिए म्यांमार को राहत सामग्री भेजी गयी।
म्यांमार में 7.2 तीव्रता वाले भूकंप के झटकों से पड़ोसी थाईलैंड में भी बहुंजिला इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है. इस आपदा से लोगों के बीच दहशत माहौल है. म्यामार में देर रात भी भूंकप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार शुक्रवार को रात 11रू56 बजे (स्थानीय समयानुसार) म्यांमार में रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया. एनसीएस के अनुसार नवीनतम भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया।
इससे पहले दिन में म्यांमार में कई भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसमें रिक्टर स्केल पर 7.2 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप था. ये सुबह 11ः50 बजे (स्थानीय समयानुसार) आया. शक्तिशाली भूकंप बैंकॉक और थाईलैंड के कई हिस्सों में महसूस किया गया. प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैंकॉक में इमारतें हिलती हुई देखी गई. दहशत से लोग इधर-उधर भागते देखे गए।
भारतीय समयानुसार शुक्रवार सुबह करीब 11ः50 बजे भूकंप आया. इसके कुछ मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 4.9 तीव्रता का भूकंप आया.
यह भूकंप का तीसरा झटका था, इससे पहले रिक्टर पैमाने पर 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था. चतुचक जिले में निर्माणाधीन 30 मंजिला गगनचुंबी इमारत भी भूकंप के कारण ढह गई. रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड के राष्ट्रीय आपातकालीन चिकित्सा संस्थान की ओर से कहा गया कि 43 श्रमिक एक निर्माणाधीन इमारत में फंसे हुए थे. एक अन्य रिपोर्ट में म्यांमार में मांडले से होकर गुजरने वाली इरावदी नदी पर बना एक पुल नदी में गिरता हुआ दिखाई दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *